सरस्वती विद्या मंदिर रामबाग बस्ती, सरस्वती शिशु मंदिर योजना का एक अभिन्न अंग है। हमने पूर्णतयः भारतीय शिक्षा पद्धति को स्वीकार किया है। क्षेत्र का सर्वांगीण विकास ही हमारी प्राथमिकता है । सर्वांगीण विकास से हमारा शरीर, मन, बुद्धि, और आत्मा का समन्वित्त और सम्यक उत्थान है।
शिक्षा का नियोजन केंद्र 'विद्या भारती' एक अखिल भारतीय संस्थान है, जिसके मार्गदर्शन में देश के विभिन्न देश के विभिन्न प्रान्तों में भी समितियां कार्यरत हैं, इनमे से ही एक समिति, शिशु शिक्षा समिति, गोरक्ष प्रान्त है। सौभाग्य से यह विद्यालय, शिशु शिक्षा समिति, गोरक्ष प्रान्त से सम्बद्ध एवं सरस्वती शिक्षा परिषद बस्ती द्वारा संचालित है।
छात्र अपने माता पिता की भावी आशाओं, का केंद्र बिंदु, समाज की अमूल्य धरोहर तथा राष्ट्र की निधि है। अतः इस धरोहर की अंतर्निहित शक्तियों तथा गुणों का विकास करके भावी पीढ़ी का निर्माण करना आवश्यक है। सरस्वती शिक्षा परिषद - बस्ती अपनी विभिन्न विशेषताओं को लेकर इसी उद्देश्य के लिए कृत संकल्प है।
वर्ष 1982 में रोपित "सरस्वती विद्या मंदिर" नाम का यह नन्हा सा पौधा अब एक वटवृक्ष बन गया है। रूप एवं गुण दोनों में अपना प्रतिबिम्ब देखने के कारण समाज से इसे पर्याप्त सहयोग प्राप्त हुआ है, जिसके कारण विद्यालय का वर्त्तमान स्वरुप खड़ा हो सका है । वर्ष 1982 से वर्ष 1985 तक विद्यालय, शिशु मंदिर के साथ ही चल रहा था, किन्तु 'आवश्यकता अविष्कार की जननी है' उक्त आधार पर पूर्व माध्यमिक वर्ग की अलग व्यवस्था की गई। वर्ष 1985 में विद्या मंदिर की छात्र संख्या 135 थी, जो क्रमशः बढ़ कर सत्र 2023-24 में 2000 हो गई । इसी परिसर में शिशु मंदिर व बालिका विद्या मंदिर भी संचालित हो रहे हैं, जिसकी वर्त्तमान संख्या क्रमशः 1000 एवं 900 है । इस प्रकार इसी परिसर में नर्सरी से लेकर कक्षा द्वादश तक बालक/बालिकाओं के शिक्षण की उत्तम व्यवस्था है।
अंत में आपसे हमारा निवेदन है की विद्यालय के वेबसाइट का अवलोकन करें । साथ ही विद्यालय द्वारा दी जा रही सूचनाओं से अवश्य अवगत हों । इन्हीं शुभकामनाओं के साथ ||
गोविन्द सिंह
प्रधानाचार्य